"काश मुझमें ऐसी कोई शक्ति आ जाती कि मैं लोगों की सोच परिवर्तित कर पाती । "काश मुझमें ऐसी कोई शक्ति आ जाती कि मैं लोगों की सोच परिवर्तित कर पाती ।
लेखक : मिखाइल ज़ोशेन्का अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : मिखाइल ज़ोशेन्का अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
और सारा ध्यान प्रतियोगिता को कैसे जीता जाय उस पर फोकस करने लगी। और सारा ध्यान प्रतियोगिता को कैसे जीता जाय उस पर फोकस करने लगी।
रेवड़ी, गुड मुंगफली की पट्टी, खजूर आए हैं।चलें सब मिल बांट कर खाएं।" रेवड़ी, गुड मुंगफली की पट्टी, खजूर आए हैं।चलें सब मिल बांट कर खाएं।"
पहले मेरे पास जो किताब था उसमें से मैंने तलाश किया। फिर भी मुझे कुछ अलग करना था। पहले मेरे पास जो किताब था उसमें से मैंने तलाश किया। फिर भी मुझे कुछ अलग करना था।
सच्ची घटना पर आधारित सच्ची घटना पर आधारित